नई दिल्ली: १५ दिसम्बर | पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने निर्वाचन आयोग से मांग की थी की चुनाव लड़ने का खर्च सरकार वहन करे. निर्वाचन आयोग ने पपोपा की इस मांग को नकार दिया है.
निर्वाचन आयोग का मानना है की भारत में सरकारी खर्च पर चुनाव लड़ने की व्यवस्था करना अभी मुमकिन नहीं है. मुख्या निर्वाचन आयुक्त डा नसीम जैदी का कहना है की क्रन्तिकारी चुनाव सुधारों को लागु किये बिना ऐसा करने से कोई फायदा नहीं होगा.
चुनाव आयोग की इस प्रतिक्रिया पर पब्लिक पोलिटिकल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लोकेश शीतांशु श्रीवास्तव ने खेद व्यक्त करते हुए कहा की: चुनाव आयोग जब क्रन्तिकारी सुधारों की शर्त लगा रहा है तो उसे अपनी शर्तें भी बतानी चाहिए ना की केवल सतही सुधारों की बात करनी चाहिए. यदि कोई उम्मीदवार अपना पैसा खर्च करके विधायक अथवा सांसद बनता है तो सबसे पहले अपना खर्च निकालने के लिए प्रयास करेगा. यदि चुनाव खर्च सरकार उठाएगी तो उम्मीदवार चुनाव को व्यवसाय के रूप में नहीं लेगा बल्कि देश सेवा के रूप में लेगा. तथाकथित चुनाव सुधार अपने आप ही हो जायेंगे.

I fully agree with the views of Lokesh ji. Revolutionary reforms are call of the day.
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