संविधान सभा के अध्यक्ष एवं संविधान निर्माता डा राजेंद्र प्रसाद को मोदी सरकार ने पूरी तरह भुला दिया है. २६ नवम्बर २०१६ को प्रकाशित सरकारी विज्ञापन में डॉ राजेंद्र प्रसाद के स्थान पर डॉ भीमराव आंबेडकर का फोटो इस्तमाल किया गया है. विदित हो की डॉ आंबेडकर संविधान सभा में केवल प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे एवं डॉ राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे अतः संविधान निर्माता कहलाने का अधिकार केवल डॉ राजेंद्र प्रसाद को है. कायस्थ कुल में जन्मे डॉ राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति थे. मोदी सरकार के इस कृत्य से कायस्थ समाज के लोग नाराज हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए ही वोट देंगे.

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