उत्तर प्रदेश के गवर्नर ने 6 दिसंबर (आम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस) के मौके पर आंबेडकर का सही नाम बताने की कोशिश की. उन्होंने कह की अक्सर बाबा साहेब का नाम भीम राव आम्बेडकर लिखा जाता है, जो सही नहीं है. उन्होंने संविधान की मूल प्रति पर जो हस्ताक्षर किये थे उसमे उन्होंने डॉ भीमराव रामजी आम्बेडकर लिखा था. यही उनका सही नाम है.
राज्यपाल के इस अधूरे ज्ञान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने कहा की राज्यपाल को बाबा साहेब का असली नाम तो पता है पर असली काम नहीं. बाबा साहेब संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष मात्र थे जबकि संबिधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा एवं अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव थे. राज्यपाल को अपने ज्ञान में यह भी जोड़ना था की बाबा साहेब संविधान निर्माता कहना गलत है, संविधान का निर्माण संविधान सभा ने किया था और अगर किसी एक व्यक्ति को संविधान निर्माता कहलन का अधिकार है तो वो व्यक्ति डॉ राजेन्द प्रसाद हैं जो संविधान सभा के अध्यक्ष थे.
