उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार (17 दिसंबर 2017) को उत्तर प्रदेश में एक साल में डेढ़ करोड़ घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने की घोषणा की. प्रदेश सरकार ने सभी को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है. प्रधानमंत्री सहज बिजलीघर योजना की तहत गावों में शिविर लगाकर मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए जायेंगे.
उर्जा मंत्री श्री कान्त शर्मा ने कहा की उत्तर प्रदेश की दूसरी सरकारों ने 70 साल में जितने कनेक्शन दिए उतने हम एक साल में देने जा रहे हैं. पहले बिजली आती नहीं है और अब बिजली जाती नहीं है. अब यूपी में उजाला है. मार्च 2019 तक प्रदेश को २४ घंटे बिजली देने का लक्ष्य रखा गया है. हर गरीब, हर गाँव को बिना भेदभाव के बिजली मिलेगी.
उपरोक्त बातें सुनने में अच्छी लगती हैं. भाजपा सरकार की यह घोषणा अवर्ण तुष्टिकरण का परिचायक है. कहने को तो जिन लोगों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए जायेंगे वे लोग उत्तर प्रदेश की जनता हैं. ये कौन सी जनता है जिनके यहाँ अभी तक बिजली का कनेक्शन नहीं है. जरा अपने आस पास नजर डालिए. ये जनता अवर्ण जनता है. ये जनता सवर्ण (ब्राम्हण, क्षत्रिय, कायस्थ अथवा वैश्य) नहीं है नहीं है. पब्लिक पोलिटिकल पार्टी को कोई ऐतराज नहीं है की जनता को कुछ दिया जाये और वह भी मुफ्त. पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ऐसी योजना का स्वागत करती है और यहाँ तक कहती है की मुफ्त कनेक्शन ही क्योँ, पूरी बिजली भी मुफ्त दी जाये.
विरोध तो इस बात का है की उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ दिनों पूर्व बिजली महंगी कर दी है. केवल महंगी ही नहीं बल्कि भारत में अन्य राज्यों की तुलना में सबसे महँगी कर दी है.
| राज्य का नाम | मोदी सरकार की उदय योजना में प्रस्तावित वृद्धि (2017-18) | आयोगों द्वारा वास्तविक वृद्धि
(2017-18) |
| उत्तराखंड | 4.27% | 5.72% |
| आन्ध्र प्रदेश | 5% | 3.60% |
| गुजरात | 0.50% | 0% (क्यूंकि गुजरात में चुनाव होने थे ) |
| महाराष्ट्र | 9.01% | 2% |
| तेलंगाना | 8% | 0% |
| हिमांचल प्रदेश | 3% | 0% (क्यूंकि हिमांचल में चुनाव होने थे ) |
| आसाम | 6.5% | 6% |
| उत्तर प्रदेश | 6.95% | 13% |
इस महंगी बिजली का बोझ किसपर डाला जायेगा? स्वाभाविक रूप से जो पहले से ही बिजली उपभोक्ता हैं. जो पहले से उपभोक्ता हैं वे अधिकांश सवर्ण हैं, अर्थात ब्राह्मण, क्षत्रिय, कायस्थ अथवा वैश्य हैं.
भाजपा का अन्याय देखिये सवर्णों से छीनकर अवर्णों को दिया जा रहा है. अवर्णों के बिजली कनेक्सन का भर सवर्णों पर दिया जा रहा है. यही अवर्ण तुष्टिकरण की नीति है.
