भारत में विश्व की सबसे बड़ी युवावों की आबादी रहती है. और प्रत्येक चुनाव में सभी राजनीतिक दलों की निगाहे इन्ही पर रहती है. लेकिन अगर उन्हें राजनीति में हिस्सेदारी देने की बात आती है तो भरोसा कम है. विश्वास की कमी राजनीतिक दलों में भी है और शायद जनता में भी. राजनीति में जो यूवा दिखाते भी हैं वे पूर्व पीढ़ी के प्रतिनिधि मात्र है. वे अपने माता पिता अथवा दादा-बाबा के राजनीतिक वारिस हैं.
पब्लिक पोलिटिकल पार्टी सबसे अधिक यूवावों को टिकट देने के प्रति प्रतिबद्ध है. पपोपा का प्रयास है की नई पीढ़ी राजनीति को पूर्णकालीन रोज़गार के रूप में ले. जहाँ कृषि एवं नौकरियों में रोज़गार के मौके कम हो रहे हैं वहीँ राजनीति में रोज़गार के मौके बढ़ रहे हैं. राजनीति को व्यवसाय बनाये. उम्रदराज लोग अपने पूर्णकालीन व्यवसाय के साथ साथ ही राजनीति करते हैं ऐसे में वे अपना पूरा समय और ध्यान राजनीति में नहीं दे पाते हैं इसीलिए दिनोदिन राजनीति का पतन होता जा रहा है. यहाँ तक की उनकी शैक्षणिक योग्यता भी बहुत कम होती है.
पब्लिक पोलिटिकल पार्टी देश के सभी यूवावों को राजनीति से जुड़ने का आह्वान करती है.
