1995 में योगी आदित्यनाथ पीपीगंज कसबे में धरना प्रदर्शन करने गए थे. उस समय कसबे में धारा 144 लागु थी. इसके बावजूद योगी आदित्यनाथ और उनके समर्थकों ने कसबे में धरना दिया. उनके खिलाफ धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. अब भाजपा सरकार यह मुकदमा वापस ले रही है.

पब्लिक पोलिटिकल पार्टी मुकदमा वापसी का विरोध करती है. जब बागड़ ही खेत खाने लगे तो खेत की रक्षा कौन करेगा?

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