मोदी सरकार ब्राह्मण, क्षत्रिय, कायस्थ एवं वैश्य समाज के लोगों पर होने वाले अत्याचारों के लिए कोई हर्जाना नहीं देगी. मोदी सरकार नस्लवाद को बढ़ावा देते हुए ऐसे नियम बना रही है जा सवर्णों को अवर्णों से अलग करता है. सवर्णों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाता है. अवर्ण तुष्टिकरण करता है. वोट बैंक के लिए सवर्णों से छीनकर अवर्णों को देता है.

अवर्ण तुष्टिकरण की नई मिसाल पेश करते हुए मोदी सरकार ने नियम बनाया है की एससी एसटी के साथ होने वाले अत्याचार पर अब पहले के मुताबिक अधिक मदद मिलेगी. हत्या और दिव्यांग होने पर परिवार को अब सवा आठ लाख रुपये मिलेंगे जबकि दुष्कर्म पीड़ित महिला को पांच लाख रुपये मिलेंगे. यह राशी अब सीधे पीड़ित परिवार के खाते में ट्रान्सफर की जाएगी.

मोदी सरकार मानती है की ब्राह्मण, क्षत्रिय, कायस्थ एवं वैश्य समाज के साथ कोई भी अत्याचार नहीं होता है अता इन्हें कोई हर्जाना पाने का अधिकार नही है. ब्राह्मण, क्षत्रिय, कायस्थ एवं विश समाज की महिलावों के कोई दुष्कर्म भी नहीं होता है अता इन्हें भी हर्जाना पाने का अधिकार नहीं है.

पब्लिक पोलिटिकल पार्टी (पपोपा) ऐसे भेदभावपूर्ण नियमो का विरोध करती है.

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