मोदी सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) (लोकप्रिय नाम ‘हरिजन एक्ट’) अधिनियम की तहत सवर्णों की गिरफ़्तारी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने के लिए अध्यादेश लाने वाली है. मोदी सरकार की सवर्णों को परेशान करने की अगली योजना यह है की वह एक विधेयक संसद में पेश करके सवर्णों के न्यायिक चुनौती के रास्ते भी बंद कर देगी. इसके लिए वह कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है. यह अध्यादेश लागु होते ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलट जायेगा.

मोदी सरकार द्वारा लाया जाने वाला अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने और सवर्णों को परेशान करने की एक अस्थायी व्यवस्था है, स्थायी व्यवस्था के लिए संसद के मानसून सत्र में यह सवर्ण विरोधी विधेयक लाएगी.

अगर मोदी सरकार सवर्ण विरोधी अध्यादेश एवं विधेयक लती है तो सवर्णों की अपनी पार्टी, पब्लिक पोलिटिकल पार्टी (पपोपा) देशव्यापी आन्दोलन करेगी, जिसका परिणाम भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनावों में भुगतना पड़ेगा.

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