सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2018 को 2017 में हुई कर्मचारी चयन आयोग (एस एस सी) परीक्षा के नतीजे घोषित करने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा की प्रथमदृष्टा परीक्षा दोषपूर्ण नजर आती है. सोशल मीडिया पर पेपर लीक हो गए थे. कोर्ट ने कहा की परीक्षा का पूरा सिस्टम ही दोषपूर्ण नजर आता है. यह उम्मीद नहीं की जा सकती की परीक्षा के संरक्षक ही पेपर लीक से जुड़े हों. न्यायमूर्ति इरशाद अली ने कहा की यह बेहद हतप्रभ करने वाला मामला है. अभ्यर्थी परीक्षा में इस उम्मीद से शामिल हुआ की वह पास हो जायेगा, उसने अच्छा प्रदर्शन किया, पर अंक देने की बारी आई तो उत्तर पुस्तिका ही बदल दी.
पब्लिक पोलिटिकल पार्टी (पपोपा) ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है की यह सब मोदी सरकार के इशारे पर हो रहा है. इस परीक्षा में सवर्ण अभ्यर्थियों से परीक्षा फीस ली गई है और अवर्ण अभ्यर्थियों से नहीं. मोदी सरकार आवेदन शुल्क केवल सवर्ण अभ्यर्थियों से क्यूँ ले रही है, क्या यह मोदी सरकार का जजिया कर नहीं है? क्या परीक्षा परिणाम रद्द किये जाने की दशा में सवर्ण अभ्यर्थियों का आवेदन शुल्क वापस किया जायेगा? नहीं …
पब्लिक पोलिटिकल पार्टी (पपोपा) सत्ता में आने पर किसी भी अभ्यर्थी से आवेदन शुल्क नहीं लेगी और 8 घंटे में प्रवेश परीक्षा और उसका परिणाम ऑनलाइन करवाएगी.
सवर्णों ने ठाना है, पपोपा सरकार बनाना है …
