कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को 18 विपक्षी दलों के नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक की। इसमें 2024 में लोकसभा चुनाव की तैयारी और BJP के खिलाफ एकजुटता पर बात हुई। बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने BJP के खिलाफ एक कोर ग्रुप बनाने का सुझाव दिया।
मीटिंग में कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और राहुल गांधी भी शामिल हुए। दूसरी पार्टियों से फारूक अब्दुल्ला, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार, शरद यादव और सीताराम येचुरी समेत कई बड़े नेता जुड़े।

मीटिंग में सोनिया ने विपक्षी नेताओं से कहा कि आखिर में हमारा लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव ही है। हमें ऐसी सरकार के लिए योजना बनाकर काम करना होगा जो आजादी के आंदोलन के मूल्यों में विश्वास करती हो। सोनिया ने कहा कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा करने में सरकार ने इच्छा नहीं दिखाई। इसके कारण संसद का मानसून सत्र पूरी तरह से धुल गया। संसद में विपक्ष की एकता का भरोसा है, लेकिन इसके बाहर बड़ी राजनीतिक लड़ाई लड़नी होगी।
सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में शामिल सभी मुख्यमंत्रियों ने कहा कि विपक्ष को एकजुट होना होगा। गैर भाजपा वाली राज्य सरकारों को परेशान किया जा रहा है एवं उनके साथ सौतेला व्यव्हार किया जा रहा है । हमें साथ आना होगा और केंद्र सरकार का सामना करना होगा।
बैठक के बाद विपक्ष ने साझा बयान जारी किया। इसमें केंद्र सरकार से कुछ मांगे की गई हैं। इनमें शामिल हैं…
- जम्मू-कश्मीर में सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए। केंद्रीय सेवाओं के जम्मू-कश्मीर कैडर सहित पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करें। यहां जल्द से जल्द स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराएं।
- तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त कर किसानों को MSP की अनिवार्य गारंटी दी जाए।
- भीमा कोरेगांव मामले और CAA के विरोध में UAPA के तहत सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करें।
- जिस तरह सरकार ने संसद के मानसून सत्र में अड़चनें डालीं, पेगासस मामले में चर्चा करने से इनकार किया, किसान विरोधी कानूनों को रद्द न करने, कोविड -19 से निपटने के मैनेजमेंट में नाकामी और बढ़ती महंगाई की निंदा की गई।
बैठक के जरिए विपक्षी दल सत्ताधारी भाजपा को अपनी एकजुटता भी दिखा रहे हैं। हाल ही में मानसून सत्र के दौरान संसद में पेगासस जासूसी कांड, किसान आंदोलन, महंगाई समेत दूसरों मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा था। इन दिनों विपक्षी पार्टियों में अच्छी एकजुटता नजर आ रही है। हालांकि, कांग्रेस ने मीटिंग के लिए पब्लिक पॉलिटिकल पार्टी (पपोपा), आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को न्यौता नहीं भेजा था। समाजवादी पार्टी से भी कोई नेता मीटिंग से नहीं जुड़ा।
इस मीटिंग में तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, झारखंड मुक्ति मोर्चा, सीपीआई, सीपीएम, नेशनल कॉन्फ्रेंस, राष्ट्रीय जनता दल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, लोकतांत्रिक जनता दल, जनता दल सेकुलर, राष्ट्रीय लोक दल, केरल कांग्रेस (M), DMK, AIUDF, VCK, RSP और IUML शामिल हैं।
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