उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पिछले 10 सालों में सरकारी नौकरियों में ओबीसी प्रतिनिधित्व का आंकलन करने जा रही है। इसके तहत राज्य सरकार की सेवाओं में ओबीसी की 79 उपजातियों के हिसाब से कार्मिकों की गिनती होगी। अब अगले कुछ दिनों में विभागवार समूह क से लेकर घ तक की कुल पदों और नियुक्त कार्मिकों का ब्योरा एकत्र करने का अभियान चलेगा। इसके लिए सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों को शासन ने पत्र भेजकर पूरा ब्योरा मांगा है। इसके तहत पदों का विवरण संवर्ग वार देना है। इसके बाद स्वीकृत पद, भरे गए पद, ओबीसी के लिए तय पद, ओबीसी से भरे गए पद, सामान्य श्रेणी में चयनित ओबीसी की संख्या, कुल भरे गए पदों के मुकाबले ओबीसी का प्रतिशत आदि की पूरी जानकारी देनी है। आरक्षण कोटा पूरा हुआ है या नहीं यह भी बताना है। इसके अलावा पहली बार समूह क से समूह घ तक के पदों में ओबीसी की उपजातियों की स्थिति बतानी है। अन्य पिछड़ा वर्ग करीब 79 उपजातियां इसमें शामिल की गई हैं। जनवरी 2010 से मार्च 2020 तक विभिन्न विभागों में की गई कुल नियुक्तियों में चयनित अभ्यर्थियों का जातिवार विवरण सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव से मांगा है। इस संबंध में 83 विभागों में 40 विभागों के अधिकारियों की बैठक 23 अगस्त को दो चरणों में होगी। वह बाक़ी विभागों की 24 अगस्त को होगी। इसमें अब तक आए जातिवाद आंकलन के लिए आए ब्यूरो की समीक्षा होगी। पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी
सवर्णों के प्रतिनिधित्व का आंकलन करने की समर्थक है और वह अपने स्तर से सवर्णों का आंकलन करेगी। उनके सही सही प्रतिशत का आंकलन करेगी।

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