जाति प्रमाणपत्र सभी के लिए ज़रूरी होना चाहिए चाहे वह अनुसूचित जाति का हो, अनुसूचित जनजाति का हो, अन्य वर्ग का हो,या सवर्ण हो। किसी भी प्रकार का जाति प्रमाणपत्र से उस व्यक्ति की जाति बदलने की संभावनाएं कम हो जाएंगी। और सभी जगह उसका आसानी से प्रयोग हो सकेगा। इन विचारों को प्रकट करते हुए पब्लिक पोलिटिकल पार्टी के फाउंडर अध्यक्ष लोकेश शीतांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अभी मुंबई में आर्यन खान ड्रग मामले में चर्चित रहे एनसीपी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेडे की जाति प्रमाण पत्र मामले में भले ही क्लीन चिट मिल गई हो। मगर मामला बड़ा विवादित बना। उन पर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने जन्म से मुस्लिम होने का आरोप लगाया था। पिछले वर्ष अभिनेता शाहरुख खान के पुत्र आर्यन खान के एक ड्रग मामले में फंसने के बाद उनका पक्ष लेते हुए महा विकास आघाड़ी सरकार में मंत्री रहे नवाब मलिक ने समीर वानखेडे पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए थे। इन्हीं में से एक आरोप था कि वह जन्म से मुस्लिम हैं। उन्होंने अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र का गलत इस्तेमाल कर आरक्षण कोटे से नौकरी हासिल की है इसीलिए उन पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए। मलिक के इस आरोप के बाद यह मामला जांच के लिए कास्ट स्क्रुटनी कमेटी के पास भेजा गया था। अब कमेटी ने समीर वानखेड़े को इस मामले में क्लीन चिट देते हुए अपने 91 प्रश्नों के आदेश में उस आरोप को खारिज कर दिया है। जिसमें उन्हें जन्म से मुसलमान बताया गया था। मगर जाति का मामला विवादित बना। ऐसे में पब्लिक पोलिटिकल पार्टी चाहती है कि जाति प्रमाणपत्र सभी का और शुरू से ही होना आवश्यक है।

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