देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक के बाद एक ऐसे बयान देने पर उतारू हैं कि जो सच्चाई के गले से नहीं उतर रही हैं। देश में एक के बाद एक करके सभी का निजीकरण किया जा रहा है लेकिन वह उसे निजीकरण नहीं कहतीं और देश हित से जोड़कर बताती हैं। एक फिर उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जरूरतमंदों को आश्रित नहीं बल्कि सशक्त बनाती है। बेंगलुरु के एक कार्यक्रम में उन्होंने सरकार की स्कीमों का बखान किया, और बताया कि उनकी मदद से ज़रूरतमंदों को सशक्त बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने वित्तीय समावेश के लिए पीएम जन धन योजना की शुरुआत की और इसके तहत अधिक से अधिक लोगों के बैंक खाते खोले गए। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम की शुरुआत की गई ताकि सीधे ज़रूरतमंद को उसका लाभ मिल सके। वित्त मंत्री ने कहा कि छोटे छोटे दुकानदार व कारोबारियों को कारोबार में मदद करने के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से मुद्रा लोन योजना शुरू की गई ताकि छोटी राशि का क़र्ज़ भी बैंक से इन कारोबारियों को मिल सके। कोरोना काल में सरकार की तरफ से रेहड़ी पटरी वालों के लिए स्व- निधि योजना शुरू की गई और उन्हें काम करने के लिए बैंकों से लोन दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से स्टैंड अप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसे कई कार्यक्रम शुरू किए गए जिसके माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण हुआ। वित्त मंत्री ने परोक्ष तौर पर उन राजनीतिक दलों को निशाना बनाते हुए यह बातें कहीं जो राजनीतिक हित के लिए मुफ्त की रेवड़ी बांटते हैं। सीतारमण ने ट्वीट में यह भी कहा है कि हम इस बात को लेकर लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि जो बैंकों से फर्जीवाड़ा कर फरार हो गए उन्हें वापस लाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। पब्लिक पोलिटिकल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपमाला श्रीवास्तव ने कहा कि मंत्री महोदया वास्तविकता से हटकर जुमलेबाजी से काम ले रही हैं। वरना हक़ीक़त तो यह है कि मोदी सरकार का अब ये हाल है कि वह भीख भी नहीं देती और कटोरा भी छीन लेती है।
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