विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि चीन ने सीमा समझौते का उल्लंघन किया है और दोनों देशों के बीच हुए समझौते को नहीं मान रहा है। इसका असर हमारे रिश्तों पर पड़ना स्वाभाविक है। क्योंकि कोई भी संबंध एक तरफा नहीं हो सकता। यह कोई छिपी हुई बात नहीं है। हमारे बीच रिश्ते कठिन दौर से गुज़र रहे हैं। ब्राजील के साओ पाओलो में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत में विदेश मंत्री ने कहा कि रिश्ते भरोसॆ की बुनियाद पर बनते हैं। वह हमारे पड़ोसी हैं हर कोई अपने पड़ोसी के साथ मिलजुल कर रहना चाहता है। निजी जीवन में और देश के तौर पर भी लेकिन हर कोई उचित शर्तों पर ही एक साथ आगे बढ़ सकता है। एक दूसरे का सम्मान ही रिश्ते को आगे बढ़ाता है मगर चीन के मामले में ऐसा नहीं है उन्होंने सीमा समझौता का उल्लंघन किया। गलवान में जो कुछ हुआ वह पूरी तरह एकतरफा है उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में चीन के साथ हमारे समझौते थे इसमें इनके उल्लंघन नहीं करने की बात कही थी। इस तरह विदेश मंत्री ने स्वीकार कर लिया है कि चीन और भारत के बीच संबंध ख़राब हैं और चीन ने सीमा पर उल्लंघन किया है। पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने कहा है कि आख़िर विदेश मंत्री ने मान लिया है कि चीन से संबंधों में खटास है। और उसने सीमा पर उल्लंघन किया है। अगर भारत पहले से ही इस बात को समझ कर कारवाई करता तो स्थिति इतनी ख़राब नहीं होती जितनी पहले से ही बताई जा रही है.

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