भाजपा अपनी चालाकी और धूर्तता से राज्य सरकारों को निशाना बनाती रही है। और कई गैर भाजपा वाली राज्य सरकारें उसके निशाने पर हैं। तरह तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। कमियां गढ़ कर बनाई जा रही हैं। अब
चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है। उनके चुनाव लड़ने पर अयोग्य घोषित करने का फैसला राज्यपाल पर छोड़ा गया है। भाजपा ने सोरेन के सीएम रहते हुए पत्थर माइनिंग लीज लेने का आरोप लगाया है। यह दोहरे पद लाभ का मामला है। पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने कहा है कि चूंकि
ग़ैर भाजपा शासित सरकारों को गिराने के लिए भारतीय जनता पार्टी इसी प्रकार की साज़िश करती रहती है। वह जानबूझकर छोटी-छोटी गलतियां निकाल कर उसको खूब उठाती और प्रचारित प्रसारित करती है। और उस के लिए बड़ी-बड़ी सज़ा की मांग या सरकार को बर्खास्त करने की सज़ा निर्धारित करती है। ताकि किसी भी तरह से सत्ता बदल जाए उसे मिल जाए। और अब जब उसे लगता है कि विधायकों को खरीदने का खेल सफल होता नहीं दिखाई दे रहा है तो वह ऐसे हथकंडे उठा रही है। जब से भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में झटका खाया है तब से वह अपना हर कदम फूंक फूंक कर रख रही है, चाहे वह दिल्ली की सरकार हो और चाहे वह झारखंड की राज्य सरकार हो। यह दोनों ही सरकारें भारतीय जनता पार्टी की आंखों में चुभ रही हैं इसलिए सोरेन को फंसाने का कार्य किया जा रहा है। जो सरासर ग़लत है। पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ऐसी ओछी और धूर्तता भरी राजनीति की निंदा करती है।

