देश की सबसे बड़ी अदालत यानि उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ईडब्ल्यूएस के लोगों को दाखिले और नौकरी में दस प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र के फैसले की संवैधानिक वैधता की जांच करेगा। शीर्ष अदालत ने आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार सहित अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई से पहले यह बात कही। मुख्य न्यायधीश यूयू ललित सहित पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने कहा कि यह प्रक्रियागत पहलुओं पर छह सितंबर को निर्णय लेगी और तेरह सितंबर से सुनवाई करेगी। केंद्र ने 103वे संविधान संशोधन अधिनियम 2019 के माध्यम से ईडब्ल्यूएस के लिए दाखिला और लोक सेवाओं में आरक्षण का प्रावधान जोड़ा था। उच्च न्यायालय ने मुस्लिमों को आरक्षण देने वाले एक स्थानीय कानून को खारिज कर दिया था। पब्लिक पॉलिटिकल पार्टी ने इस पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि क्या कभी सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी को आरक्षण या ओबीसी को आरक्षण की वैधता की जांच की है-? इसलिए पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी इस तरह की जांच का समर्थन नहीं करती है।

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