दिल्ली में आरएसएस मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ाने का फ़ैसला लेकर भाजपा सरकार ने अपने हाई वोल्टेज ड्रामे की शोबाज़ी जारी रखी है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय की तरफ से ख़बर आ रही है कि अब संघ के दिल्ली मुख्यालय की सुरक्षा सीआईएसएफ को दी जा रही है। और 70 के करीब जवान मुख्यालय की सुरक्षा करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि आईबी की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को दी गई थी, उस रिपोर्ट के आधार पर ही संघ मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला हुआ है। आरएसएस मुख्यालय केशव कुंज और उदासीन आश्रम की सुरक्षा सीआईएसएफ के हाथों में दी जा रही है। ज्ञात रहे कि सीआईएसएफ पहले से ही संघ प्रमुख मोहन भागवत को ज़ैड+ कैटेगरी की सुरक्षा और नागपुर मुख्यालय की सुरक्षा दे रही है। और अब दिल्ली वाले मुख्यालय की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, वैसे किस तरह का ख़तरा सामने आया है -?, कितना बड़ा वो ख़तरा है-?। इस बारे में गृह मंत्रालय ने कोई जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन सीआईएसएफ के हाथों में सुरक्षा का जाना दिखाता है कि मामला संवेदनशील और गंभीर बनाया जा रहा है। और जानबूझकर गृह मंत्रालय का ध्यान इस तरफ घुमाया जा रहा है। आपको बता दें कि संघ मुख्यालय को पहले से ही सुर्खियों में रखने की कवायद की जाती रही है। वर्ष 2006 में लश्कर तैयबा के आतंकियों के संघ मुख्यालय में घुसने की कोशिश की ख़बर प्रचारित प्रसारित की गई थी। पुलिस मुस्तैदी की वजह से उन आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया था और उसके बाद से लगातार एक बड़ा सुरक्षा तामझाम संघ शाखाओं और संघ नेताओं की सुरक्षा में लगाया गया। पब्लिक पोलिटिकल पार्टी का कहना है कि भाजपा सरकार जनता से जुड़े मामलों और सुरक्षा समस्याओं को तो हल कर नहीं पा रही है। मगर आरएसएस मुख्यालय के लिए सुरक्षा दल बल तैनात कर रही है। जो हाई वोल्टेज ड्रामे का ही भाग नज़र आता है।
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