समाज या देश में किसी भी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ अपना दृष्टिकोण रखने वाली पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा दीपमाला श्रीवास्तव ने अपने एक बयान में स्पष्ट कहा है कि उनकी पार्टी महिलाओं के साथ ही नहीं बल्कि हर प्रकार के भेदभाव का विरोध करती है। अभी हाल फिलहाल ही में महिलाओं के साथ भेदभाव वाली रिपोर्ट प्रकाश में आई है इसमें कहा गया है कि जन्म से ही लिंग भेद का शिकार होने वाली महिलाएं रोज़गार के क्षेत्र में भी आज भी भेदभाव का सामना करती हैं। रोज़गार व वेतन के मामले में यह भेदभाव देश के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में है। यह जानकारी आक्सफैम इंडिया की एक ताज़ा रिपोर्ट में सामने आई है। यह खाई 2004 – 05 से 2021 के बीच तेज़ी से आर्थिक विकास के बावजूद बढ़ी है। ऑक्सफैम की इंडिया डिस्क्रिमिनेशन रिपोर्ट 2022 के परिणाम संकेत करते हैं कि आज की भी देश में महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी दर (एलएफपीआर) कम रहने के पीछे भेदभाव एक मुख्य कारक हो सकता है। रपट के मुताबिक केंद्रीय सांख्यिकीय और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अनुसार 2020-21 में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में भारत में महिलाओं के लिए एलएफपीआर केवल 25.1 फीसद थी। विश्व बैंक के ताज़ा आंकलन के अनुसार ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका काफी बेहतर स्थिति में हैं। इनकी तुलना में भारत की दर काफी कम है। रिपोर्ट के अनुसार शहरी इलाकों में नियमित और स्वरोज़गार के मामले में पुरुषों तथा महिलाओं के बीच आय का बड़ा अंतर नज़र आया, इसमें कहा गया है कि पुरुषों की औसत आय महिलाओं की आय से लगभग ढाई गुना अधिक है। रिपोर्ट के लेखकों में शामिल प्रोफेसर अमिताभ कुंडू ने कहा कि देश भर में वंचित वर्गों के सामने पक्षपात की समस्या को समझाने के अधिक प्रयास नहीं हुए। हमने विभिन्न सामाजिक समूहों में रोज़गार, वेतन स्वास्थ्य और कृषि ऋण मिलने संबंधी अलग-अलग परिणामों को समझाने के लिए संख्या की पद्धति का उपयोग किया है।
इस संबंध में पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा दीपमाला श्रीवास्तव ने कहा है कि पार्टी महिलाओं के साथ भेदभाव के ख़िलाफ़ है और रोज़गार के क्षेत्र में किसी भी प्रकार के भेदभाव का विरोध करती है। फिर चाहे वह जेंडर ओरिएंटेड हो, चाहे वह जाति ओरिएंटेड हो और चाहे धर्म ओरिएंटेड,।

#PPP

#PublicPoliticalParty

#LokeshShitanshuShrivastava

#DeepmalaSrivastva

#Womenemployment

#Employment

#Labourforce

#Brazil

#Russia

#China

#SouthAfrica

Leave a comment