चुनावी फंडिंग में काले धन के प्रयोग पर रोकथाम लगाने की कवायद के तहत चुनाव आयोग ने अज्ञात स्रोत से मिले राजनीतिक चंदे की सीमा को ₹20000 से घटाकर ₹2000 और नकद दान को 20% या अधिकतम ₹20 करोड़ तक सीमित करने का प्रस्ताव भेजा है।
पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी निर्वाचन आयोग की इस मांग का समर्थन करती है और इस संबंध में कानून में उलटफेर करने की भी मांग करती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू को पत्र लिखकर प्रतिनिधित्व अधिनियम में कई संशोधनों की सिफारिश की है प्रस्ताव का उद्देश्य राजनीतिक दलों को मिलने वाली चंदा प्रक्रिया में सुधार और पारदर्शिता लाना एवं चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वाले उम्मीदवारों द्वारा किए गए खर्च का की सही जानकारी प्राप्त करना है यह कदम हाल ही में 284 डिफाल्ट और गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटाने वाले पोल पैनल की पृष्ठभूमि में उठाया गया है।
आयोग ने पाया है कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा प्रस्तुत की रिपोर्ट में मिले चंदे तो शून्य दिखाए गए थे लेकिन खातों के ऑडिट में बड़ी मात्रा में रसीदें पाई गई थीं इससे साबित हो रहा था कि ₹20000 की सीमा से नीचे नकद में बड़े पैमाने पर लेनदेन किया गया है। चुनाव आयोग ने किसी पार्टी द्वारा प्राप्त कुल फंड में से नकद दान को 20% या अधिकतम ₹20 करोड़ जो भी कम हो सीमित करने की मांग की है और इसी मांग का पूरी तरह से पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी ने समर्थन किया है।
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