जहां चीन ने बना डाला क्लोन वहीं यहां की सरकारें आठ चीतों को बाहर से लाकर छोड़ने को ही उपलब्धि मान रही हैं : लोकेश शितांशू श्रीवास्तव *
नई दिल्ली।
कहते हैं कि दुनिया चांद पर पहुंच गई मगर बुढ़िया ज़मीन पर ही खूंटा गाड़े बैठी है,इसको इस संदर्भ में समझा जा सकता है कि ध्रुवीय क्षेत्र में पाए जाने वाले दुर्लभ आर्केटिक भेड़िए का दुनिया में पहली बार चीन ने क्लोन तैयार किया है। यह एक मादा भेड़िया है जिसका नाम माया रखा गया है। लेकिन जीव विज्ञान की प्रगति के इस दौर में अपना भारत यानि यहां की सरकारें बाहर से कुछ चीतों को अपने यहां ले आकर छोड़ देने को ही बड़ी उपलब्धि मान रही हैं । पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी के राष्ट्रीय फाउंडर लोकेश शितांशू श्रीवास्तव ने कहा है कि जीव विज्ञान की प्रगति के इस अंतर को भारत की सरकारें महसूस करें और खुली आंखों से देंखे। विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी इस प्रजाति को बचाने के लिए चीन की ज़ीन फर्म सिनोज़ेन बायोटेक्नोलॉजी ने इसे बीजिंग की एक लैब में बनाया है। इसके जन्म के सौ दिन बाद एक वीडियो जारी कर यह जानकारी दी गई है। माया की डोनर कोशिका जंगली मादा आर्केटिक भेड़िए की त्वचा के नमूने से लिया गया है। इसका अंडाड़ूं एक मादा स्वान का है। इसकी सेरोगेट मां एक कुत्ते की नस्ल की है।
एक मादा कुत्ते के अंडा और एक जंगली मादा आर्कटिक भेड़िए की कोशिकाओं से 130 से अधिक भ्रूण बनाए गए। इसके बाद 80 से अधिक भ्रूणों को सात बीगल के गर्भाशय में स्थानांतरित किया गया। इनमें से एक का स्वस्थ भेड़िए के रूप में जन्म हुआ। ज़ीन फर्म सिनोज़ेन बायोटेक्नोलॉजी के जनरल मैनेजर ने कहा है कि हमने 2020 में आर्कटिक भेड़िए की क्लोनिंग शुरू की थी। दो साल की कड़ी मेहनत के बाद सफलता मिली।
भारत में भी अनेक जीव जन्तुओं और प्राणियों की नस्लें समाप्त हो रही हैं या विलुप्त हो गईं हैं लेकिन यहां ऐसे प्रगतिशील और चमात्कारिक कार्यों की ख़बरें क्यों नहीं आतीं।
#PPP
#PublicPoliticalParty
#LokeshShitanshuShrivastava
#DeepmalaSrivastva
#Arcticwolves
#China
#SynagenBiotechnology
#Indian
#biology
