नई दिल्ली।
देश की वर्तमान सरकार और उसके समर्थन वाले संगठनों का रवैया बड़ा बेढब और मनमाना और तानाशाही है। अपनी कमी को कमी नहीं मान रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबंधित स्वदेशी जागरण मंच ने वैश्विक भूख सूचकांक रिपोर्ट 2022 को ग़ैर ज़िम्मेदाराना और शरारतपूर्ण बताते हुए केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह भारत को बदनाम करने के लिए इसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करे। हद ही कर दी बेशरमाई की।
होना तो ये चाहिए था कि सरकार को कहा जाता कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए देश के हर गरीब और भूखे पेट को खाना उपलब्ध कराए ताकि कोई भूखा न रहे,न दिखाई दे। लेकिन अंधभक्त और अंध समर्थक संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने वैश्विक सूचकांक रिपोर्ट 2022 की रैंकिंग को ही झुठलाते हुए उसे वास्तविकता से दूर बता दिया है। ये तो वही बात हुई कि न खाता न बही बल्कि जो हम कहें वही सही।
ज्ञात रहे कि वैश्विक भूख सूचकांक रिपोर्ट में 121 देशों में भारत को 107वें स्थान पर बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार भारत अपने पड़ोसी देशों से बहुत पीछे है। हाल ही में सरकारी संगठनों ने यह रिपोर्ट जारी की है। आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि जर्मन के सरकारी संगठन ने एक बार फिर वैश्विक सूचकांक विषय पर 121 देशों की रैकिंग की है जिसे भारत को बदनाम करने के लिए बेहद ग़ैर ज़िम्मेदाराना तरीके से तैयार किया गया है। इनके मुताबिक रिपोर्ट वास्तविकता से कोसों दूर और दोषपूर्ण है।
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