नई दिल्ली।
देश में आजकल अपनी ख़राब स्थिति पर शर्मिन्दा होने या माफ़ी मांगने या इस्तीफ़ा देने का तो शायद अब चलन ही नहीं रहा। इसलिए आज नेताओं और राजनीति को बहुत बुरा समझा जाने लगा है। अब जब सड़क निर्माण मामले में मंत्री नितिन गडकरी ने माफ़ी मांगी है तो पब्लिक पोलिटिकल पार्टी मांग करती है कि सरकार के मुखिया पीएम मोदी को भी माफ़ी मांगनी चाहिए। ख़बर के अनुसार मध्य प्रदेश के मंडला में सड़कों का लोकार्पण व शिलान्यास करने पहुंचे केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एक सड़क की गुणवत्ता खराब होने की शिकायत पर भावुक हो गए उन्होंने मंच से इसके लिए खुद को ज़िम्मेदार बताया और कहा कि उन्हें माफ़ कर दें। वह शर्मिंदा हैं। राज्य में शायद यह पहला मौका था कि जब घटिया सड़क निर्माण के लिए किसी बड़े राजनेता ने खुद की जवाबदेही तय कर नौकरशाहों को नसीहत दी है। गडकरी ने मंच से ही अधिकारियों को निर्देश दिया कि ठेकेदार का काम रद्द कर दें। नया टेंडर जारी करें। सड़क का अभी जितना निर्माण हुआ है उसकी मरम्मत कराएं। दरअसल गडकरी जब मंच पर बैठे थे तभी दो विधायकों ने उन्हें सड़क के घटिया निर्माण की जानकारी दी। बरेला (जबलपुर) से मंडला हाईवे (एनएच 30) का निर्माण ₹400 करोड़ की लागत से 2015 में शुरू किया गया था। 63 किमी लंबी इस सड़क का काम 18 महीने में पूरा होना था लेकिन सड़क अभी भी अपूर्ण है। जिस सड़क को लेकर केंद्रीय मंत्री ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी उसका ठेका मुंबई की निर्माण कंपनी जेडीसीएल को दिया गया है इसके मालिक आरजे रावल हैं।
मंत्री जी ने जब अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए जब सिर्फ़ माफ़ी ही मांगी है तब पीएम मोदी को भी अपनी ग़ैर ज़िम्मेदारी और ऐसी अनेक कमियों के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। और नितिन गडकरी से इस्तीफा लेना चाहिए। ऐसी मांग पब्लिक पोलिटिकल पार्टी करती है।
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