नई दिल्ली
सवर्ण समाज और देश हित वाली पार्टी पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी ने झारखंड में आरक्षण को बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को पारित करने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ये सवर्ण और सामान्य वर्ग को समाप्त करने की कोशिश है। और इनके साथ अन्याय है।
ज्ञात रहे कि झारखंड विधानसभा ने आरक्षण को बढ़ाकर 77 प्रतिशत करने संबंधी एक विधेयक को पास कर दिया। विधानसभा के विशेष सत्र में झारखंड पदों और सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अधिनियम, 2001 में संशोधन पारित करके एससी, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्लयूएस) के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण 60 प्रतिशत से बढ़ा कर 77 फीसदी कर दिया है। विधेयक में कहा गया है कि राज्य संविधान की नौवीं अनुसूची में बदलाव करने का केंद्र सरकार से आग्रह करेगा। प्रस्तावित आरक्षण में अनुसूचित जाति के स्थानीय लोगों को 12 फीसदी कोटा मिलेगा। अनुसूचित जानजातियों को 28 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) को 15, ओबीसी को 12 और आर्थिक रूप कमजोर तबगे (EWS) को 10 फीसदी कोटा है। इस समय झारखंड में अनुसूचित जनजाति को 26 फीसदी आरक्षण मिलता है जबकि अनुसूचित जाति के लिए 10 फीसदी कोटा है। ओबीसी के लिए 14 फीसदी का कोटा निर्धारित है।
श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव ने कहा कि संशोधन प्रस्ताव और बिल को विधानसभा समिति को भेजने तक की प्रक्रिया नहीं की गई और प्रस्ताव को पारित कर लिया गया। जो
सामान्य और सवर्ण वर्ग को पूरी तरह निगलने का प्रयास है। पब्लिक पोलिटिकल पार्टी इसकी निंदा करती है और आरक्षण को बढ़ाने को सवर्णों के लिए सरासर अन्याय मानती है।
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