___(अनवार अहमद नूर)
मशहूर अभिनेत्री तबस्सुम अब इस दुनिया में नहीं रहीं उनका 78 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें शुक्रवार की रात हार्ट अटैक आया जिसके कारण उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। असंख्य लोगों ने उन्हें आंसूओं से भरी अंतिम विदाई दी। तबस्सुम ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर ही साल 1947 में आई फिल्म ‘मेरा सुहाग’ से की थी, जिसके बाद वो कई फिल्में और टीवी शो का हिस्सा रहीं और अब इस जानी-मानी अदाकारा ने 18 नवंबर 2022 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। मशहूर अभिनेत्री तबस्सुम की अब सिर्फ़ यादें हीं बाक़ी रह गयीं हैं।
तबस्सुम की पहचान महज़ एक अभिनेत्री के तौर पर नहीं होती थी, बल्कि उन्होंने एक टॉक शो के होस्ट के तौर पर भी अपनी पहचान बनाई। दूरदर्शन पर देश में टीवी के पहले टॉक शो ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ को होस्ट करने का श्रेय तबस्सुम को है। यह शो उन्होंने 1972 से लेकर और 1993 तक होस्ट किया था जिसके ज़रिए उन्हें फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज हस्तियों के इंटरव्यू करने का मौका मिला। वो एक यूट्यूबर भी थीं जिसके ज़रिए वो फिल्म इंडस्ट्री और फिल्म कलाकारों की अनसुने और मज़ेदार किस्से भी सुनाया करती थीं। बॉलीवुड में ‘छोटी नरगिस’ और ‘छोटी मीना कुमारी’ के तौर पर भी जानी पहचानी गयीं।फिल्म भी बनाई। यूट्यूब पर अपना चैनल लॉन्च किया, जिसमें बीते दिनों की सुनहरी यादें शेयर करती थीं।
तबस्सुम का जन्म साल 1944 में मुंबई में हुआ था। उनके पिता का नाम अयोध्यानाथ सचदेव और मां का नाम असगरी बेगम था। तबस्सुम के पिता इंडियन फ्रीडम फाइटर थे और मां भी फ्रीडम फाइटर, जर्नलिस्ट और ऑथर थीं। उनके पिता ने अपनी पत्नी की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उनका नाम तबस्सुम रखा था, जबकि मां ने अपने पति की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बिटिया का नाम किरण बाला रखा। शादी से पहले के डॉक्युमेंट्स के अनुसार तबस्सुम का आधिकारिक नाम किरण बाला सचदेव दर्ज है। तबस्सुम ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट साल 1947 में ‘नरगिस’ फिल्म में काम किया था। इसी साल वो ‘मांझधर’, ‘मेरा सुहाग’ और साल 1949 में ‘बड़ी बहन’ में नजर आईं। इसके बाद 1951 में नितिन बोस के डायरेक्शन में बनी मूवी ‘दीदार’ में उन्होंने नरगिस की बचपन की भूमिका निभाई थी। हिट सॉन्ग ‘बचपन के दिन भुला ना देना’ तबस्सुम पर फिल्माया गया है, जिसे लता मंगेशकर और शमशाद बेगम ने गाया था। इसके अगले साल वो विजय भट्ट के डायरेक्शन में बनी ‘बैजू बावरा’ में दिखाई दीं, जिसमें उन्होंने मीना कुमारी की बचपन की भूमिका निभाई। उन्होंने पॉप्युलर मूवी ‘फिर वही दिल लाया हूं’ में भी काम किया। इसमें जॉय मुखर्जी और आशा पारेख थे। वो खूबसूरत गाने ‘अजी किबला मोहतरमा’ में भी थीं। ब्रेक के बाद तबस्सुम ने फिल्मों में बतौर एक्ट्रेस काम किया। तबस्सुम ने इंडियन टेलीविजन का पहला टॉक शो भी होस्ट किया, जिसका नाम था ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’। ये शो करीब 21 साल तक ऑनएयर हुआ था। इसे दूरदर्शन केंद्र मुंबई ने प्रोड्यूस किया था और इसमें फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े सिलेब्स का इंटरव्यू लिया जाता था। ये शो बहुत फेमस हुआ था। इस शो ने एक करियर को भी जन्म दिया था। तबस्सुम 15 साल तक फेमस मैगजीन गृहलक्ष्मी की एडिटर भी रहीं। उन्होंने कई चुटकुलों की किताबें भी लिखीं। साल 1985 में तबस्सुम ने अपनी पहली मूवी ‘तुम पर हम कुर्बान’ का डायरेक्शन किया। उन्होंने कहानी भी खुद लिखी और प्रोड्यूसर भी खुद ही थीं। साल 2006 में वो राजश्री प्रोड्क्शंस के ‘प्यार के दो नाम: एक राधा एक श्याम’ से टीवी की दुनिया में वापस लौटीं। वो रिएलिटी स्टैंड-अप कॉमेडी शो ‘लेडीज स्पेशल’ (2009) की जज भी रहीं। तबस्सुम ने टीवी के लिए इंटरव्यू लेने का काम जारी रखा और वो एक टीवी शो कर रही थीं। उन्होंने यूट्यूब पर ‘तबस्सुम टॉकीज’ नाम से अपना चैनल भी लॉन्च किया, जिसमें पुरानी यादें, मशहूर हस्तियों के इंटरव्यू, चुटकुले और शायरी सहित बहुत कुछ शामिल है। तबस्सुम ने ही ‘तुम पर हम कुर्बान’ मूवी से जॉनी लिवर को पहली बार स्क्रीन पर बतौर कॉमेडियन इंट्रोड्यूस किया था। आज जॉनी लीवर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में फेमस एक्टर और कॉमेडियन हैं। तबस्सुम ने ‘रामायण’ सीरियल में राम का निभाकर पॉप्युलर हुए टीवी एक्टर अरुण गोविल के बड़े भाई विजय गोविल से शादी की थी। उनके बेटे होशांग गोविल भी फिल्मों में काम कर चुके हैं। होशांग की बेटी खुशी यानी तबस्सुम की पोती ने भी ‘हम फिर मिले ना मिले’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया। अभिनेत्री तबस्सुम आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी यादें अमिट हैं जिन्हें कभी भुलाया न जा सकेगा।
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