नई दिल्ली।
भारतीय लोकतंत्र के महापर्व कहलाए जाने वाले चुनावों को करवाने वाले चुनाव आयुक्तों के पद पर सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों का चयन होना चाहिए जैसी सलाह उच्चतम न्यायालय यानी सुप्रीम कोर्ट ने दी है जिसका स्वागत करते हुए पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावों के सन्दर्भ से टीएन शेषन का हवाला देते हुए जो कुछ कहा है वह शत प्रतिशत सत्य है और आज की आवश्यकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संविधान ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्तों के नाजुक कंधों पर बहुत ज़िम्मेदारियां सौंपी हैं और वह मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर टीएन शेषन की तरह के सर्वोच्च चरित्र वाले व्यक्ति को चाहता है। उत्तम न्यायालय यानी सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयुक्त और मुख्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कोई कानून नहीं होने का लाभ उठाए जाने की प्रवृत्ति को पीड़ादायक बताया है। न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्य संविधान पीठ ने कहा कि उसका प्रयास एक प्रणाली बनाने का है ताकि सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति मुख्य निर्वाचन आयुक्त बने। पीठ ने कहा कि अनेक मुख्य निर्वाचन आयुक्त हुए हैं लेकिन टी एन शेषन एक ही हुए हैं। तीन लोगों यानि दो चुनाव आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त के कमजोर कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। हमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को चुनना होगा। सवाल है कि हम सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को कैसे चुनें और कैसे नियुक्त करें। पीठ में न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी न्यायमूर्ति और अन्य शामिल हैं। कोर्ट ने केंद्र की ओर से मामले में पक्ष रख रहे अटार्नी जनरल से कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि हम एक अच्छी प्रक्रिया बनाएं ताकि योग्यता के अलावा सुदृढ़ चरित्र के किसी व्यक्ति को मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी को इस पर आपत्ति नहीं हो सकती और उनके विचार से सरकार भी सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति की नियुक्ति का विरोध नहीं करेगी, लेकिन सवाल यह है कि यह कैसे किया जा सकता है।

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