जबलपुर।
आरक्षण का मुद्दा देश के विभिन्न राज्यों में सरगर्म रहता है। आरक्षण को बढ़ाने या चुनौती देने वाली याचिकाएं न्यायालय में आतीं रहतीं हैं। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण देने को चुनौती देने के मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि इस मुद्दे से जुड़ी कुछ याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। शीर्ष अदालत का फैसला आने से पहले कोई आदेश नहीं दे सकते। मामले पर सुनवाई के दौरान दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि प्रदेश में किसी भी भर्ती पर रोक नहीं लगाई गई है इसलिए सरकार उसके लिए स्वतंत्र है। इस मत के साथ कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई 12 दिसंबर को नियत की है।

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