लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के मदरसों में आठवीं तक के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति पर रोक लगा दी गई है। यह नियम 2022-23 सत्र में ही लागू होगा। केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में निर्देश जारी कर दिये गए हैं। पिछले वर्ष मदरसों में पढ़ने वाले आठवीं कक्षा तक के लगभग छह लाख छात्रों को छात्रवृत्ति मिली थी। कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को एक वर्ष में एक हज़ार रुपये दिए जाते हैं, जबकि छठवीं से आठवीं तक के लिए छात्रवृत्ति की राशि अलग-अलग है।
यूपी शासन ने छात्रवृत्ति एवं शुल्क भरपाई के लिए अंतिम तिथि 10 दिसंबर तक बढ़ा दी है। पूर्व में अंतिम तिथि 7 नवंबर थी। दरअसल, इस बार विभिन्न पाठ्यक्रमों के प्रवेश देरी से शुरू होने से विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेजों के बड़ी संख्या में छात्र ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाए थे। इन छात्रों की समस्या को अखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसे देखते हुए शासन ने अंतिम तिथि बढ़ाने का निर्णय लिया। कक्षा-10 से ऊपर के लिए अंतिम तिथि को 10 दिसंबर तक बढ़ाने का निर्णय हो चुका है। ज्ञात रहे कि मदरसों में कक्षा एक से आठ तक के छात्रों को बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की तरह दोपहर का भोजन, यूनिफार्म, किताबें मुफ़्त दी जाती हैं। पहले परिषदीय विद्यालयों के आठवीं कक्षा तक के छात्रों को भी छात्रवृत्ति मिलती थी लेकिन शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आठवीं तक की शिक्षा निशुल्क किये जाने के बाद इसे कुछ वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया था।
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