नई दिल्ली।
ज़िला परिषद चुनाव हरियाणा में भाजपा को करारा झटका मिला है। भाजपा के निशान पर लड़ रहे उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। उसके 21 प्रतिशत उम्मीदवार ही जीत सके हैं। कांग्रेस ने पार्टी निशान पर चुनाव नहीं लड़ा था। चुनाव निशान पर लड़े आम आदमी पार्टी व इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के 13 प्रतिशत उम्मीदवारों ने जीत हासिल कर पार्टी को शक्ति प्रदान की है।
22 ज़िला परिषद और 143 पंचायत समितियों के चुनावी नतीजे रविवार को घोषित हो गए। ज़िला परिषद के 411 और 2964 पंचायत समिति सदस्यों के राजनीतिक भाग्य का फैसला ईवीएम के मतों की गिनती से हुआ। मतदाताओं ने राजनीतिक दलों को ज़मीनी हक़ीक़त दिखाते हुए ज़्यादातर निर्दलीयों को जिताने का काम किया। हरियाणा में सत्ताधारी भाजपा-जजपा के लिए चुनाव नतीजे चौंकाने वाले रहे हैं। सात ज़िलों में 102 सीटों पर पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा के खाते में सिर्फ 22 सीटें आई हैं। पार्टी सिंबल पर सात ज़िलों में लड़ी भाजपा दो जिलों पंचकूला व सिरसा में खाता भी नहीं खोल सकी।
आदमपुर उपचुनाव में करारी हार का सामना कर चुकी आम आदमी पार्टी और इनेलो को इस चुनाव में थोड़ा सुकून मिला है। 115 सीटों पर लड़ने वाली आम आदमी पार्टी ने 15 और 98 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरे इनेलो को 13 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस व अन्य दल अब अपने समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रहे हैं।
स्थानीय के साथ प्रदेश स्तरीय मुद्दों का असर भी इन चुनाव में देखने को मिला। महंगाई, बेरोजगारी, अपराध, नशाखोरी इत्यादि मुद्दे भी उम्मीदवारों ने खूब उछाले। भाजपा ने विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा लेकिन उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिले। उसके लिए राहत की बात है कि पार्टी निशान पर लड़ रहे कई उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे हैं। पूर्व मंत्री विजेंद्र कादयान की पत्नी ज़िला परिषद चुनाव हार गई हैं। पंचकूला जिले में 10 की 10 सीटें भाजपा हार गई। पंचकूला ज़िले के चुनाव प्रभारी और सांसद नायब सैनी को दोहरा झटका लगा है उनकी पत्नी कुरुक्षेत्र में चुनाव हार गईं। पंचकूला में भाजपा ने ऐसे नतीजों की उम्मीद नहीं की थी। यह नतीजे पार्टी के लिए किसी सबक से कम नहीं हैं। अंबाला ज़िले में भी भाजपा 15 में से दो ही सीटें जीत पाई है। यहां सात निर्दलीय, तीन आप, दो भाजपा और एक बसपा उम्मीदवार जीता है। गुरुग्राम में जिला परिषद चेयरमैन के लिए प्रबल दावेदार मानी जा रही मधु वाल्मीकि चुनाव हार गई हैं। पानीपत जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन व कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य सत्यवान शेरा की पत्नी आशु चुनाव हार गई हैं। रेवाड़ी में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के समर्थक चुनाव हार गए हैं। जजपा के भिवानी जिलाध्यक्ष विजय गोठरा की पत्नी चौथे स्थान पर रहीं। नारनौंद से जजपा हलका अध्यक्ष अमित बूरा भी चुनाव हार गए हैं। रोहतक में राजेश सरकारी की पत्नी मंजू हुड्डा ने जजपा ज़िला महिला अध्यक्ष मीना मकड़ोली को हराया है। जजपा विधायक रामकरण काला की पुत्रवधु पूजा रानी शाहाबाद से पिंकी हिंगाखेड़ी से चुनाव हार गईं। हालांकि रामकरण काला के पुत्र कंवरपाल ने पिंकी हिंगाखेड़ी के पिता राजकुमार हिंगाखेड़ी को हरा दिया। कैथल में जजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपकमल सराहण की भाभी कमलेश रानी चुनाव जीतीं। सिरसा में अभय चौटाला के बेटे कर्ण चौटाला जीते। 2024 के विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र राजनीतिक दलों को ग्रामीण क्षेत्रों की ओर रुख करना पड़ेगा। चुनाव नतीजे बताते हैं कि ग्रामीण मतदाताओं ने किसी दल पर एकतरफा भरोसा न जताकर सुख-दुख में साथ आने वाले और ज़मीनी नेताओं पर भरोसा किया है। अगले विधानसभा चुनाव से पहले दलों को गांवों में अपनी राजनीतिक ज़मीन मज़बूत करनी होगी।
हरियाणा में पंचायती राज चुनाव लंबे समय से देरी से होते आ रहे हैं। पिछली और इस बार तो अधिक देरी हुई। यह पहला चुनाव था जो तीन चरणों में संपन्न हुआ। दो चरणों में नौ-नौ और तीसरे चरण में चार ज़िलों में मतदान कराया गया। पुलिस विभाग के पास पर्याप्त जवान न होने पर चुनाव अलग-अलग चरण में कराने पड़े। इन चुनावों में भाजपा 22 , इनेलो 13 आप 15, बसपा 4, निर्दलीय 357, निर्वाचन आयोग के अनुसार सीपीआईएम ने 4 और जजपा ने दो सीटों पर सिंबल पर ज़िला परिषद चुनाव लड़ा। भाजपा – 151 समर्थित उम्मीदवार जीते, 115 से अधिक आज़ाद साथ,जजपा – 78 समर्थित उम्मीदवार जीते, इनेलो – 10 समर्थित उम्मीदवार जीते,आप -5 समर्थित जीते।
ज़िला परिषद चुनाव में प्रदेश सबसे अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल करने का ताज रोहतक के वार्ड नंबर-1 से जीत हासिल करने वाले अमित रांगी के सिर सजा। 30 वर्षीय अमित रांगी ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 10379 वोटों से हराया। वहीं, हिसार के वार्ड 19 से चुनाव मैदान में उतरे मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश ने महज एक वोट से जीत हासिल की। ओमप्रकाश को 4123 मत मिले और दूसरे स्थान पर रहे जगदीश को 4123 वोट प्राप्त हुए। ज़िला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव में प्रदेश सरकार ने महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया था। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके अलावा कुछ अन्य मुद्दे भी अदालत में विचाराधीन हैं। कोर्ट के फैसले पर ही इन चुनावों का परिणाम निर्धारित करेगा।

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