नई दिल्ली।
एक हादसे के मामले में रेलवे के अफसर ₹15000 की मुआवज़ा राशि मृतक के परिजनों को देने पहुंचे जो बहुत शर्मनाक है हालांकि परिजनों ने भी इसे लेने से इनकार कर दिया था। रेलवे की लापरवाही और इतनी कम मुआवज़ा राशि को लेकर मृतक हरिकेश दूबे के परिजन तो नाराज़ हैं ही लेकिन पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने भी अपनी नाराज़गी प्रकट की है। पार्टी के फाउंडर लोकेश शितांशू श्रीवास्तव ने अपने एक बयान में कहा है कि ब्राह्मण की मौत पर रेलवे को सिर्फ़ 15 हज़ार रुपए मुआवजा देना ग़लत भेदभाव वाला और पक्षपातपूर्ण है। क्योंकि अगर किसी दलित की दुर्घटना या हत्या हुई होती तो उसका मुआवज़ा कम से कम पांच लाख रुपए दिया जाता चूंकि वह ब्राह्मण था इसलिए मुआवज़ा 15 हज़ार रुपए देने का रेलवे ने निर्णय लिया। जो उसके लिए बड़े शर्म की बात है। लोकेश शितांशू श्रीवास्तव का कहना है कि हम मानते हैं कि अगर किसी को भी मुआवज़ा दिया जाए तो कम से कम दस लाख रुपए दिया जाना चाहिए वर्ना फिर दलित को भी नहीं दिया जाए। ऐसा पक्षपात पूर्ण रवैया भारत में ही संभव है।
उन्होंने घटना के बारे में बताया कि हरिकेश दूबे की गर्दन में घुसने से ट्रेन में मौत हो गई थी। जिसका मुआवजा रेलवे सिर्फ़ 15 हज़ार रुपए दे रहा था। जो न सिर्फ कम है बल्कि किसी भी तरह से उचित नहीं है।

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