नई दिल्ली।
सवर्ण समाज और देश हित वाली पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा सवर्णों का कोटा घटाने की घोर निन्दा की है। और उसके इस विधेयक की आलोचना करती है जिसमें छत्तीसगढ़ में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ईडब्ल्यूएस का कोटा 10% से घटाकर 4% कर दिया गया है। पब्लिक पोलिटिकल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव ने कहा है कि इसी तरह वहां अनुसूचित जाति (एससी) का आरक्षण 16% से कम कर 13% किया गया है। जिसका सीधा लाभ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को मिला है। इस संबंध में राज्य विधानसभा में दो संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिए गए हैं।
राज्य में ओबीसी कोटा पहले 14% था जिसे बढ़ाकर 27% किया गया है। एसटी आरक्षण 20 से 32% किया गया है। राज्य में अब सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 76% आरक्षण हो गया है। जिसकी पब्लिक पोलिटिकल पार्टी निंदा करती है। और इसे ग़लत मानती है। ज्ञात रहे कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा
अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण संशोधन विधेयक और छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण संशोधन) विधेयक पेश किए थे जिन्हें बहस के बाद पारित कर दिया गया था। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा सरकार द्वारा गठित क्यूडीसी (मात्रात्मक डाटा आयोग) के तहत राज्य में ओबीसी व ईडब्ल्यूएस श्रेणियों का सर्वे किया गया, इस आधार पर हमने आरक्षण में बदलाव का कदम उठाया। जबकि देश की प्रमुख सवर्ण समाज पार्टी पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी ने इसका विरोध करते हुए इसे अमान्य बताया है। पार्टी इस विधेयक को पारित किए जाने के ख़िलाफ़ और सवर्णों के हित में दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देगी। और पूरा पूरा विरोध करेगी। ईडब्ल्यूएस कोटे को दस प्रतिशत करना अति निंदनीय है।

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