नई दिल्ली।
आने वाले वर्ष में, पेश होने वाले बजट में, कर दरों में कमी के अलावा कई तरह के सुझाव सरकार को दिए गए हैं। और कहा गया है कि
सरकार को तेज़ी से बढ़ते सेक्‍टरों में टैक्‍स बेस बढ़ाने के साथ ही सेस और सरचार्ज को खत्म करने पर ध्यान देना चाहिए। आम बजट से पहले ‘थिंक चेंज फोरम’ (टीसीएफ) ने वित्त मंत्रालय को ऐसी ही राय दी है। शोध संस्थान टीसीएफ ने साथ ही कहा कि कर अनुपालन में सुधार और कर दरों में कमी करने पर भी सरकार को विचार करना चाहिए।
टीसीएफ की तरफ से जारी बयान के अनुसार विशेषज्ञों की राय है कि आर्थिक वृद्धि को गति देने और विकासात्मक गतिविधियों में निवेश करने के लिए सरकार को कर राजस्व बढ़ाने की ज़रूरत है। लक्षित संग्रह को हासिल करने की दिशा में ख़राब कर अनुपालन को एक प्रमुख बाधा पाया गया। इसके चलते अधिक कराधान, जटिल कर संरचना और बढ़ती मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ रहा है।
टीसीएफ द्वारा आयोजित एक विचार-विमर्श में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के पूर्व चेयरमैन पी सी झा ने कहा है कि ‘‘प्रवर्तन एजेंसियां अवैध व्यापार की जांच करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं, लेकिन कर चोर एक कदम आगे हैं और तस्करी के लिए नयी तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने सरकार द्वारा भी कर अपवंचना को पकड़ने के लिए अत्याधुनिक साधनों के इस्तेमाल पर जोर दिया।

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