नई दिल्ली।
यमुना में गंदगी का मुद्दा पुराना है लेकिन एक बार फिर इस मामले को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना हरियाणा से नाराज़ बताए जाते हैं। उन्होंने यमुना के प्रदूषण में हरियाणा का 36 फीसदी योगदान बताया है। इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर से बात की है। अब बताया जा रहा है कि वह जल्द मामले को हल करने के लिए हरियाणा का दौरा कर सकते हैं। अभी तक की आई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि नजफगढ़ नाला यमुना को 40 प्रतिशत प्रदूषित करता है। इस नाले में हरियाणा के कई फीडर नालों से 36 फीसदी वेस्ट गिरता है। यदि हरियाणा की तरफ से गिरने वाले वेस्ट को रोक लिया जाए तो यमुना के प्रदूषण को काफी कम किया जा सकता है। दिल्ली के उपराज्यपाल की अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि जब यमुना पल्ला में हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करती है, तो इसमें कुल मलीय कोलीफॉर्म की संख्या 1,100 होती है। जब यह आइएसबीटी के पास पहुंचती है तो नजफगढ़ नाले से स्राव के कारण इसका मलीय कोलीफॉर्म 2.1 लाख बढ़ जाता है। यही वजह है कि दिन प्रतिदिन यमुना का जल प्रदूषित होता जा रहा है। हरियाणा और दिल्ली के बीच यमुना प्रदूषण को लेकर जल्द ही बड़ी बैठक होगी। इस बैठक में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ ही उपराज्यपाल वीके सक्सेना और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल मौजूद रहेंगे। उपराज्यपाल को खट्‌टर ने आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही इस मामले की जांच कराएंगे।

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