नई दिल्ली।
देश भर से लगातार ओबीसी आरक्षण के बढ़ते प्रभाव और दुष्परिणामों को देखते हुए सवर्ण हितेषी और देश को समर्पित पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने सवर्ण आयोग गठित करने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने जो कुछ कहा है वह चौंकाने वाला और दुष्परिणामों वाला है ऐसे में सवर्ण आयोग गठित किया जाना नितांत आवश्यक है। राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने कहा है कि ओबीसी आरक्षण का दायरा बढ़ रहा है और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में बड़े पैमाने पर हिंदू मुसलमान बन रहे हैं। और इसलिए राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने पश्चिम बंगाल में ओबीसी आरक्षण को लेकर समीक्षा कराने का निर्णय भी किया है। यदि आयोग की मानें तो देश के राज्यों में पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर मची होड़ के बीच पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंदू धर्म बदलकर मुस्लिम बन गए हैं इतना ही नहीं राज्य सरकार ने बांग्लादेश से आए मुसलमानों को भी ओबीसी आरक्षण सूची में शामिल किया है। आयोग का कहना है कि उसकी टीम इस वर्ष फरवरी में पश्चिम बंगाल के दौरे पर गई थी इसी दौरान जांच में चौंकाने वाले यह तथ्य सामने आए हैं। और आयोग को ऐसी ही जानकारी राज्य की संस्था कल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआई) से भी मिली है।
आयोग का कहना है कि राज्य में ओबीसी आरक्षण को दो भागों में बांटा गया है इसमें कुल 179 जातियों को ओबीसी में शामिल किया गया है। इसमें ए वर्ग में अति पिछड़ों को रखा गया है इसमें 89 में से 73 मुसलमान और कुल 8 हिंदू जातियां हैं। वहीं बी श्रेणी में पिछड़ी जातियों को रखा गया है इसकी सूची में कुल 98 जातियां हैं जिसमे 53 हिंदू और 45 मुसलमान जातियां हैं। आयोग के अनुसार पंजाब ने भी ओबीसी आरक्षण बढ़ाने के लिए अनुरोध किया है पंजाब में इसे 12 से 25% किया जाएगा। राज्य सरकार ने यादवों को भी ओबीसी में शामिल करने की सिफारिश की है राज्य पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने बताया कि देश भर के राज्यों से ऐसी सिफारिशें आ रही हैं। तो ऐसे में पब्लिक पोलिटिकल पार्टी मांग करती है कि बिना विलम्ब किए सवर्ण आयोग गठित किया जाना चाहिए।
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