नई दिल्ली।
आरक्षण और आरक्षण और आरक्षण ने स्थिति को भयावह बनाने का काम किया है। देश भर में बढ़ते आरक्षण ने उच्च जातियों पर संकट के बादल खड़े कर दिए हैं। आरक्षण को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में कोई न कोई ख़बर तेज़ी से चल रही है अगर हम बंगाल की बात करें तो वहां बड़ी चौंकाने वाली और चिंताजनक स्थिति बन रही है। बताया जाता है कि बंगाल में ओबीसी के कोटे और उनके आरक्षण को ममता सरकार खुलेआम मुस्लिम तुष्टीकरण की भेंट चढ़ा रही है। 91.5 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ मुस्लिम ओबीसी के लोगों को दिया गया है। जबकि अन्य लोगों को उनका हक़ अभी तक नहीं दिया जा सका है। अन्य लोगों को उनके जायज़ हक़ से वंचित रखा जा रहा है। बिलासपुर परिधि गृह के पत्रकारों को संबोधित करते हुए भाजपा के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने जो बातें कही हैं वह बड़ी चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा है कि ममता सरकार ने पिछड़ा वर्ग का आरक्षण छीन कर देशद्रोही ताकतों को बढ़ावा दिया है। बांग्लादेशी घुसपैठ और रोहिंग्या को प्रमाण पत्र देकर जातिगत आरक्षण का लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है। यह घुसपैठियों को सीधा लाभ देने का गंभीर षड्यंत्र है और यह जानकारी और भी ज़्यादा हैरानी वाली है कि बंगाल में कुल ओबीसी की 179 जातियों को आयोग की ओर से दर्ज किया गया है, इनमें से 118 मुस्लिम समुदाय की जातियों को इसमें शामिल कर दिया गया है 2011 से पहले बंगाल में ओबीसी की 108 जातियां शामिल थीं, इनमें से 53 मुस्लिम और 55 हिंदुओं की जातियां थीं

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