डॉ राजेन्द्र प्रसाद को किसी भी कोर्स में न पढ़ाए जाने के लिए पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने यूपी सरकार की आलोचना की

नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश में बोर्ड के कक्षा 9 से 12वीं तक पाठ्यक्रम में पचास महापुरुषों की जीवन गाथा को शामिल करने में देश के प्रथम राष्ट्रपति और विद्वान डॉ राजेन्द्र प्रसाद का नाम न होने पर पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने अपना दुख,रोष और विरोध प्रकट किया है। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव ने कहा कि यूपी की भाजपा सरकार ने यूपी बोर्ड की तरफ़ से वेबसाइट पर पाठ्यक्रम में जिन पचास महापुरुषों के नाम शामिल करते हुए उसे जारी किया है उसमें कक्षा 9 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में कहीं भी देश के रत्न, प्रथम राष्ट्रपति और महाविद्वान डॉ राजेन्द्र प्रसाद का नाम नहीं है। ये बहुत निंदनीय और आलोचना के लायक़ है। हम यूपी सरकार की इस भूल की आलोचना करते हैं।
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के संकल्प पत्र में महापुरुषों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवनी को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही थी जिनके नामों के चयन को लेकर यूपी बोर्ड में लंबे समय से मंथन चल रहा था। और अब सहमति के बाद जो नाम डाले गए हैं उसमें देश के स्वतंत्रता सेनानी और प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद का ही नाम नहीं है।
जबकि नैतिक शिक्षा विषय में राम कृष्ण परमहंस, बिरसा मुंडा,बेगम हज़रत महल से लेकर ज्योतिबा फूले और विनायक दामोदर सावरकर तक का नाम दर्ज है।
पब्लिक पोलिटिकल पार्टी मानती है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जीवनी को किसी भी कोर्स में न रखना न्यायोचित नहीं है।
इसलिए पब्लिक पोलिटिकल पार्टी यूपी सरकार की आलोचना करती है।

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