प्रयागराज।
एक के बाद एक जातियां अपने आप को एससी-एसटी में शामिल करने के लिए प्रयत्नशील हैं और इस होड़ में आगे निकल कर कार्य करते हुए कोर्ट तक का सहारा ले रही हैं। और कोर्ट भी इस संबंध में अपना काम कर रहा है। अभी फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी की राज्य सरकार को भर एवं राजभर जाति को अनुसूचित जाति, जनजाति का दर्जा देने से संबंधित केन्द्र सरकार के पत्र के संदर्भ में दो माह में अपना प्रस्ताव केन्द्र को भेजने के लिए अतिरिक्त समय दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने ‘जागो राजभर जागो’ समिति की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। इस संबंध में अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी ने बताया है कि केंद्र सरकार ने 17 अक्टूबर 2021 को पत्र लिखकर राज्य सरकार से भर एवं राजभर जातियों को अनुसूचित जाति जनजाति एससी-एसटी का दर्जा देने के संदर्भ में प्रस्ताव मांगा था, इस पत्र के जवाब में राज्य सरकार ने कोई क़दम नहीं उठाया तो हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। याचिका पर कोर्ट ने राज्य सरकार को दो माह में प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया था लेकिन आदेश पर अमल नहीं किया गया। इसके बाद अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने अपनी कार्रवाई की है और यूपी सरकार को दो माह का समय दिया है।
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