जब जातिगत आधार पर ही प्रवेश है तो फ़िर पूछने या कहने पर रोक कैसी : पब्लिक पोलिटिकल पार्टी
पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने कहा कि ये कैसा नियम है कि प्रवेश जाति आधार पर लेकिन पूछ्ना और बोलना मना है।
नई दिल्ली।
देश और सवर्ण समाज की हितकारी पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने बम्बई के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में छात्रों से अंक और जाति पूछने पर रोक वाले नियम को अनुचित बताते हुए इसका विरोध किया है। पार्टी का मानना है कि जब जातिगत आधार पर प्रवेश और सुविधाएं दी जा रही हैं तो उसे कहने या पूछने पर रोक क्यों -? पब्लिक पोलिटिकल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव ने कहा है कि जिस तरह से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई (आईआईटी-बी) ने नए सत्र से छात्रों के बीच जातिगत भेदभाव को दूर करने के नाम पर जारी अपनी गाइडलाइंस में छात्रों को निर्देश दिया है कि वह अपने साथी छात्रों से उनकी जाति ना पूछें , तो ये अनुचित है। श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव ने सवाल उठाया कि जब छात्रों को जातिगत आधार पर प्रवेश दिया जा सकता है और उन्हें विशेष रियायतें दी जा सकती हैं तो फ़िर जाति और अंक पूछने पर रोक और पाबंदी क्यों -?
ज्ञात रहे कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई (आईआईटी-बी) ने नए सत्र से छात्रों को सलाह दी गई है कि वे जाति और अंक न पूछें बल्कि खेल संगीत या सिनेमा जैसे सामान्य अभिरुचि विषयों पर बातचीत करें। 29 जुलाई को जारी इन दिशानिर्देशों में दूसरे छात्रों से उनकी जेईई की रैकिंग और गेट का स्कोर पूछने से भी मना किया गया है क्योंकि रैकिंग और स्कोर से भी जाति का पता लगाया जा सकता है। आईआईटी-बी ने कहा है कि परिसर में धर्म लिंग जाति या अन्य किसी तरह के अपमानजनक चुटकुलों को सुनाने या संदेश के ज़रिए प्रसारित करने पर भी प्रतिबंध रहेगा।
साथ ही नियमों के उल्लंघन पर कार्यवाही की चेतावनी दी गई है। प्रशासन ने नियमों का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी है।
पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने कहा है कि ये कैसा नियम है कि प्रवेश में तो जाति आधार है लेकिन पूछ्ना और बोलना मना है। उन्होंने कहा कि पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ऐसे नियम और रोक को ग़लत क़रार देती है।
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