नई दिल्ली।
देशहित, जनहित और सवर्ण समाज के लिए समर्पित पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने लगभग 6 वर्ष पश्चात रोहिणी आयोग की रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपें जाने का स्वागत किया है और कहा है कि अब यकीनन OBC Reservation का उप वर्गीकरण तर्कसंगत विभाजन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
पब्लिक पोलिटिकल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव ने बताया कि कई बार कार्यकाल बढ़ाए जाने के पश्चात भी इस आयोग की रिपोर्ट पेश नहीं हो रही थी लेकिन अब OBC Reservation के उप वर्गीकरण के लिए गठित 4 सदस्य जस्टिस जी रोहिणी आयोग ने आखिरकार अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति दोपद्री मुर्मू को सौंप दी है। जिसके बाद इस मामले में निगाहें मोदी सरकार पर टिक गई हैं। ज्ञात रहे कि रोहिणी आयोग का गठन पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश पर 2 अक्टूबर 2017 को किया गया था। रिपोर्ट सौंपने के लिए आयोग ने लगभग 6 साल का लंबा समय लिया। इस दौरान आयोग का कार्यकाल 14 बार बढ़ाया गया, हालांकि आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है मगर सूत्रों का कहना है कि ओबीसी के 27 फ़ीसदी आरक्षण को इसमें शामिल सभी जातियों तक लाभ पहुंचाने के लिए आयोग ने इसकी तीन या चार श्रेणियां बनाने की सिफारिश की है। आयोग ने अपने अध्ययन में पाया है कि ओबीसी में शामिल 2633 जातियों में से करीब 1000 जातियों को तीस साल में एक बार भी अवसर नहीं मिला है। 2633 में 983 यानि 37 प्रतिशत पिछड़ी जातियों को आज तक आरक्षण का कोई लाभ ही नहीं मिला है।
केंद्र सरकार ने ओबीसी के उप-वर्गीकरण पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए न्यायमूर्ति रोहिणी आयोग का कार्यकाल 31 जनवरी, 2023 तक ही था।
1979 में मंडल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार के संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में 27% सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित थीं । ओबीसी के भीतर उपवर्गीकरण का प्रस्ताव इस धारणा पर किया गया है कि आरक्षण का एक बड़ा हिस्सा जाति के भीतर प्रमुख वर्गों पर केंद्रित है। ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल 2,666 समुदायों में से केवल कुछ को ही आरक्षण का लाभ प्राप्त है। इसलिए, ओबीसी समुदाय के भीतर आरक्षण का तर्कसंगत विभाजन सुनिश्चित करने के लिए समिति का गठन किया गया।
इस चार सदस्यीय आयोग का नेतृत्व न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जी. रोहिणी, मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त), दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा किया गया है, जबकि अन्य तीन सदस्य हैं, (1)डॉ. जेके बजाज, निदेशक, नीति अध्ययन केंद्र, नई दिल्ली (2) निदेशक, भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण, कोलकाता (पदेन सदस्य) (3) रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त, भारत (पदेन सदस्य)। आयोग की अध्यक्ष जस्टिस जी रोहिणी ओबीसी समुदाय से हैं।
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