नई दिल्ली।
राष्ट्रहित और सवर्ण समाज की पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी के आरक्षण को बढ़ाए जाने को अनुचित और तर्कहीन बताते हुए इसे सवर्णों के हितों पर कुठाराघात की संज्ञा दी है।
पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव ने कहा कि गुजरात की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर जो फैसला किया है और गुजरात के स्थानीय चुनावों के लिए ओबीसी आरक्षण की सीमा बढ़ा दी है, वह अनुचित है पब्लिक पोलिटिकल पार्टी इसका विरोध करती है। उन्होंने कहा कि अभी तक गुजरात राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण मिलता था लेकिन सरकार ने अब इसे बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया है। जिसे किसी भी तरह से ठीक नहीं कहा जा सकता।
पार्टी अध्यक्षा ने बताया कि गुजरात सरकार ने ग्राम पंचायतों और स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू करने की जो घोषणा बढ़-चढ़कर की है वह सवर्णों के ख़िलाफ़ है और उनके अधिकारों पर कुठाराघात है। जब वहां एससी-एसटी आरक्षण की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया तो फ़िर ओबीसी के आरक्षण की सीमा बढ़ाने की क्या तुक बनती है।
मैडम श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव ने कहा कि आरक्षण की सीमाओ का धीरे धीरे बढ़ाते रहने से सामान्य और सवर्ण समाज के लोगों के हितों पर कुठाराघात हो रहा है और ये एक बड़ा वर्ग अपने अधिकारों और सुख सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। जिसका पब्लिक पोलिटिकल पार्टी विरोध करती है।
ज्ञात रहे कि पिछले एक साल से गुजरात में पंचायत चुनाव अटका हुआ है। 7000 ग्राम पंचायत, 70 से ज़्यादा नगरपालिका और 2 ज़िला पंचायत में पिछले एक साल से चुनाव अटके हुए हैं। सरकार के मुताबिक गुजरात में 60 से अधिक तालुकाओं और 9 ज़िलों में आदिवासी आबादी 50 फीसदी से अधिक है, ऐसे अनुसूचित क्षेत्रों की पंचायतों में जहां पेसा कानून प्रभावी है, वहां ओबीसी के लिए 10 फीसदी सीटें आरक्षित रहेंगी लेकिन जिन इलाकों में आदिवासी आबादी 25 से 50 फीसदी के बीच है, वहां ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी कर दिया गया है। जिस पर पब्लिक पोलिटिकल पार्टी ने अपना विरोध जताया है।
#PPP
#PublicPoliticalParty
#LokeshShitanshuShrivastava
#DeepmalaSrivastva
#Gujrat
#Gujratelection
#Gujratgovernment
#OBC
#Panchayatelection
