नई दिल्ली।
देशहित और सवर्ण समाज वाली पब्लिक पोलिटिकल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव ने कहा है कि लोगों की भावनाओं का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है और एक साज़िश के तहत उन्हें धर्म एवं जाति के नाम पर गुमराह किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे मूलभूत समस्याओं से भटक गए हैं और सवाल खड़े नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज किस तरह से राजनीति की दिशा और दशा को बदला जा रहा है। राजनीति सेवा और आदर्शों के रास्ते से भटक रही है। मूलभूत समस्याओं और मुद्दों को छोड़कर धर्म आधारित भेदभाव वाली और आपस में लड़ाने वाली राजनीति की जा रही है। लोगों की भावनाओं का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। राजनीतिक साज़िश के तहत लोगों को जाति और धर्म के नाम पर गुमराह किया जा रहा है ताकि वे बुनियादी सवालों से भटक जाएं।
श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव ने सत्ताधारियों पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि जो लोग धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगते हैं उनसे पूछें कि उन्होंने आपके लिए क्या किया है-?
शिक्षा, रोज़गार, स्वास्थ्य, जो उनका मुख्य दायित्व था उनका निर्वाहन उन्होंने कितना किया है-? सड़कें इतनी खराब स्थिति में क्यों हैं -? क्यों रोज़गार नहीं है और महंगाई क्यों बढ़ रही है -?
पपोपा मुखिया ने स्पस्ट कहा कि प्रधानमंत्री इस बात का जवाब नहीं देते कि किसान प्रति दिन 27 रुपये क्यों कमा रहे हैं, जबकि उनके उद्योगपति मित्र प्रति दिन 1,600 करोड़ रुपये कमा रहे हैं। बढ़ती महंगाई देश भर में आम लोगों के लिए बोझ और मुसिबत बन गई है।
देश के लोग दिन प्रतिदिन परेशानियों में घिरते चले जा रहे हैं। सरकारें और शासन प्रशासन लोगों की समस्याओं के समाधान में असफल हो रहे हैं क्योंकि वह सत्ताधारियों के अंधभक्त ग़ुलाम बन कर रह गए हैं। स्थिति बद से बद्तर बनती जा रही है।
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