नई दिल्ली
राष्ट्रहित और सवर्ण समाज की Public Political Party ने कहा है कि Election Bond रिश्वतखोरी‌ को वैध बनाना है और भारतीय जनता पार्टी के लिए बहुत ही उपजाऊ है।
पार्टी का कहना है कि Election Bond की 28वीं किश्त जब चार अक्टूबर को खुलेगी तो यह BJP के लिए बल्ले बल्ले वाली बात होगी। क्योंकि पिछले रिकॉर्ड के मुताबिक, 90 प्रतिशत चंदा बीजेपी को गया है और मिलीभगत वाले पूंजीपति दिल्ली में बैठे स्वामी को अपना सुविधा शुल्क अवश्य देंगे।
पब्लिक पोलिटिकल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव ने कहा है कि
Election Brand एक तरह से वैध रिश्वतखोरी’ है। राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता के नाम पर Election Brand को राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद दान के विकल्प के रूप में पेश किया गया है। भारतीय स्टेट बैंक Election Bond जारी करने के लिए अधिकृत एकमात्र बैंक रखा गया है। Election Bond भारतीय नागरिकों या देश में निगमित या स्थापित संस्थाओं द्वारा खरीदे जा सकते हैं। पंजीकृत राजनीतिक दल जिन्होंने पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनावों में कम से कम 1 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं, वे Election Bond के माध्यम से धन प्राप्त करने के पात्र होते हैं।
बताया गया है कि Election Bond की 28वीं किश्त जारी करने को मंजूरी दे दी गई है, जो 4 अक्टूबर से 10 दिनों के लिए बिक्री के लिए खुलेगी। यह निर्णय राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों से पहले आया है। इन राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द होने की संभावना है और जब जैसे ही Election Bond की नई किश्त 4 अक्टूबर को खुलेगी, तब यह BJP के लिए ख़ूब लाभकारी होगी।
ज्ञात रहे कि देश में Election Bond योजना का विरोध हो रहा है और कहा जा रहा है कि Election Bond योजना नरेंद्र मोदी सरकार के सबसे शैतानी कृत्यों में से एक है, क्योंकि यह देश में Election प्रणाली और लोकतंत्र को कमज़ोर करती है। पब्लिक पोलिटिकल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव ने Election Bond को रिश्वत खोरी का वैध तरीक़ा बताया है।

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