पार्टी सवर्ण समाज के लिए पब्लिक पोलिटिकल पार्टी मैदान में डट गई है और आने वाले दिनों में बड़ी टक्कर यानि उसे मुंह तोड़ जवाब मिलने वाला है : श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव
नई दिल्ली।
देश में भारतीय जनता पार्टी ने जहां तहां अपने आप को स्थापित करने के लिए हरएक हथकंडे का इस्तेमाल कर रखा है। जिन जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है और जिनमें विधानसभाओं के चुनाव हैं वहां भाजपा अनेकानेक घोषणाएं और योजनाओं का बखान कर रही है। एससी एसटी और ओबीसी के लिए मुंह भर भर कर योजना और पैकेज घोषित किए जा रहे हैं। अभी फिलहाल ही जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर भाजपा के पीएम नरेंद्र मोदी, 24 हज़ार करोड़ की लागत से विशेष रूप से जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के उत्थान के लिए पीवीटीजी विकास मिशन की घोषणा कर रहे हैं। और इसके तहत जनजातीय समूहों तक सड़क, टेलीकाम, बिजली, सुरक्षित मकान, शुद्ध पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण और जीविका की सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी। इसके अलावा, जनजातीय समुदाय तक पीएमजेएवाई, सिकल सेल रोग उन्मूलन, टीवी उन्मूलन, 100 प्रतिशत टीकाकरण, पीएम मातृ वंदन योजना, पीएम पोषण और पीएम जन-धन योजना का लाभ भी सुदूर इलाकों तक पहुंचाने का लक्ष्य है। अपने दौरे के क्रम में प्रधानमंत्री 7,200 करोड़ की लागत से विभिन्न योजनाओं की आधारशिला रखते हुए कई योजनाएं समर्पित कर रहे हैं। अब प्रश्न उठता है कि क्या विकास की बयार का कुछ अंश सवर्णों के लिए नहीं होना चाहिए। क्या सवर्ण देश में नहीं रहते,क्या सवर्ण देश के नागरिक नहीं हैं-? लेकिन भाजपा आज उनके वोटों को तो लेना चाहती है मगर उन्हें देना कुछ नहीं चाहती। भाजपा जो अपने को अगड़ों की पार्टी कहलाना चाहती है उसकी आज सच्चाई यह है कि कौआ चला हंस की चाल अपनी चाल भी भूल गया। भाजपा सवर्णों को भूल गई है अब वह कहीं भी और कैसे भी न तो सवर्ण सम्मेलन करती है और न ही उनके लिए किसी योजना या विकास की बात करती है। कहने वाले खुलकर कह रहे हैं कि भाजपा अब सवर्णों को अपने पैरों की जूती के समान भी नहीं समझती। पब्लिक पोलिटिकल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती दीपमाला श्रीवास्तव ने स्पष्ट कहा कि भाजपा अपना अतीत भूल कर, अपने स्वरूप को परिवर्तित करके ऐसा कार्य कर रही है कि उसकी स्थिति न घर की रहेगी न घाट की। सवर्ण समाज के बारे में भारतीय जनता पार्टी की सोच है कि इस वर्ग यानि सवर्ण समाज को कुछ भी देने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि ये तो पहले ही हमारे (भाजपा के) तलवे चाट रहे हैं। इनके पास कोई विकल्प भी नहीं है कि किसी दूसरी पार्टी में जाएं। सभी पार्टियां एससी-एसटी और ओबीसी का गुणगान करने में लगी हुई हैं लेकिन भाजपा अपना भ्रम तोड़ ले। अब राष्ट्रहित और सवर्ण समाज की हितैषी पब्लिक पोलिटिकल पार्टी मैदान में आ गई है। ये वही पब्लिक पोलिटिकल पार्टी है जो न तो सनातनी संस्कृति को हानि पहुंचने देगी और न ही हिंदू धर्म को बदनाम होने देगी। आज हिंदू धर्म को बदनाम करने और चुनावी हथकंडा बनाने वालों के विरुद्ध सीना तान कर खड़ी हो रही है पब्लिक पोलिटिकल पार्टी। अब भाजपा को समझ लेना चाहिए कि सवर्ण समाज के लिए पब्लिक पोलिटिकल पार्टी मैदान में डट गई है और आने वाले दिनों में बड़ी टक्कर यानि उसे मुंह तोड़ जवाब मिलने वाला है।
